लड़की नहीं लड़का


3. Write two poems, each using repetition of a word or a phrase. Think of our classroom discussion where we realized how repetition achieves different effects, whether it be lending weight, creating irony, exploring multiple meanings of the same word or phrase, among others.
लड़की नहीं  लड़का


मेरे दुनिया में आने से पहले  
पंडित जी ने बोला  लड़की नहीं लड़का
माँ के  अस्पताल जाने से पहले 
पिता जी  ने बोला  लड़की नहीं लड़का
कक्षा में अव्वल आने पर
मास्टरजी ने बोला  लड़की नहीं लड़का 
गली के लड़को से भिड़ जाने पर
पडोसी आंटी ने बोला  लड़की नहीं लड़का 
पहले प्यार के इज़हार पर
मेरे प्यार ने बोला  लड़की नहीं लड़का 
ज़िल्लत से इंकार पर
मेरे गुनहगार ने बोला लड़की नहीं लड़का 
आईने के सामने इकरार पर
आईना बोला न लड़की न लड़का 
समाज से सरोकार पर:
समाज बोला लड़की, न लड़का। 




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