Mid-Term Assignment; Prompt-5; Part-1_Navkiran Natt

Prompt - 5

ये जंग बहुत ख़तरनाक है दोस्त

एक तरफ़ है 
धारदार हथियार, सदियों से पलती घृणा 
और 
जातीय उच्चता के घमंड से उपजी नफ़रत

और दूसरी तरफ़
प्यार करने वाले दिल 
सपने देखने वाली आँखे 
हम और तुम 

हमें और तुम्हें ये जंग मिल कर लड़नी थी 
मेरे दोस्त 
हमें एक साथ चलना था 
और इस दुनिया को बदल देना था 

प्यार को दुकान, देवालयों 
और पवित्र किताबों की 
क़ैद से आज़ाद करना था 

मनोज बबली भावना शंकर 
और अब तुम 
इस जंग में शहीदों की 
लिस्ट बहुत लम्बी है 

मैं जानती हूँ 
मेरे दोस्त 
कि तुमने एक सपना देखा था 
तुम प्रेम को 
बनियों के बही खातों से 
पुजारियों के धर्म ग्रंथो से 
खाप पंचायतों के नफ़रती हुकम्नामों से 
बचा कर 
एक ख़ूबसूरत दुनिया बनाना चाहते थे 

तुमसे ये वायदा है
मेरे दोस्त 
प्यार करने की आज़ादी की ये जंग 
जिसे तुमने और ख़ूबसूरत बना दिया है 
तब तक जारी रहेगी 
जब तक 
ये दुनिया बदल नहीं जाती 
और नफ़रत को 
घृणा को 
सदा के लिए मिटा नहीं दिया जाता.

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